Bihar Land Survey: खतियान ऑनलाइन डाउनलोड करना बन गया है चुनौती, जानिए क्यों है ज़रूरी
Bihar Land Survey: बिहार में होने वाले भूमि सर्वेक्षण के लिए खतियान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसे ऑफलाइन प्राप्त करने के लिए लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जहां भ्रष्टाचार व्याप्त है। वहीं, इसे ऑनलाइन डाउनलोड करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। जिससे किसान परेशान हैं।
Bihar Land Survey बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के लिए दस्तावेज जुटाने में लोगों को हर दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही मामला अब खतियान के साथ है। भूमि के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक खतियान को ऑनलाइन देखना इन दिनों बड़ी समस्या बन गई है।
पूरे गांव का खतियान एक साथ हो रहा है डाउनलोड
अगर आप सिर्फ अपना खतियान ऑनलाइन देखना चाहते हैं और जब आप प्रक्रिया शुरू करेंगे तो आपके पूरे गांव या मौजा का खतियान एक साथ डाउनलोड होने लगेगा। इससे फाइल बड़ी और भारी हो जाती है, जिससे यह आसानी से डाउनलोड नहीं हो पाती। जब लोगों को खतियान ऑनलाइन नहीं मिलता है तो वे अंचल और सर्वेक्षण कार्यालयों का चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं। फिर वहां भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो जाता है और आवेदक परेशान हो जाते हैं।
खतियान के डिजिटलीकरण में गड़बड़ी
जब खतियान को ऑनलाइन डाउनलोड करने में आ रही समस्या के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो पता चला कि खतियान का डिजिटलीकरण ही नहीं हुआ है। रैयतों के खतियान को स्कैन करके राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इससे जब लोग संबंधित मौजा का खतियान देखना चाहते हैं तो एक साथ पूरे मौजा या गांव का खतियान डाउनलोड होने लगता है। इससे एक साथ करीब एक हजार खतियान डाउनलोड होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
चार घंटे में भी नहीं हो सका डाउनलोड
यह इतनी बड़ी फाइल है कि जब इसे डाउनलोड के लिए डाला गया तो चार घंटे में भी नहीं हो सका। बाद में इसे सर्वर की गलती बता दिया गया। ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सभी भूमि दस्तावेजों के आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध होने के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
Bihar Land Survey
खतियान क्यों जरूरी है? जानकारों का कहना है कि जमीन का खतियान मिलने के बाद खाता, खेसरा, रकबा के साथ रैयत का नाम और चौहद्दी का पता आसानी से लग जाता है। जमीन सर्वे के लिए ऑनलाइन आवेदन के समय इन सभी विवरणों की जरूरत पड़ती है। साथ ही लोग खतियान के विवरण के आधार पर जमीन का लगान भी भर सकते हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ऑनलाइन खतियान बनवाने का शुल्क भी मात्र 10 रुपये रखा है। ऐसे में ऑनलाइन खतियान उपलब्ध होने से लोगों को अंचल और सर्वे कार्यालय का चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
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